Skip to main content

कई ट्रेनों को रोकने की वजह बना यह कीड़ा, वजह जानकर हैरान होंगे आप

छोटे छोटे जीव बड़ी-बड़ी घटना कर सकते हैं. इनके कारण कई बार हादसे भी हो जाते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसे हम बताने जा रहे हैं. एक छोटे से घोंघे को बिजली कटौती के लिए जिम्‍मेदार ठहराया गया है जिसके चलते दर्जनों ट्रेनें रुक गईं और 12 हजार यात्रियों को अपने गंतव्‍य तक पहुंचने में बहुत देर हो गई. मामला जापान का है. आइये जानते हैं क्या हुआ ऐसा.
दरअसल, रेलेव ऑपरेटर ने रविवार को बताया कि क्‍योशो रेलवे द्वारा संचालित दक्षिणी जापान की कुछ लाइनों पर 30 मई को बिजली आपूर्ति बाधित रही. इस वजह से कंपनी को मजबूरन 26 ट्रेनों और कई दूसरी सेवाओं को निरस्‍त करना पड़ा. अपनी कार्यक्षमता विशेषकर ट्रांसपोर्ट के मामले में हमेशा टाइम पर रहने वाले जापान में इस घटना के चलते स्थिति भी बिगड़ गई.
एक हफ्ते बाद अधिकारियों ने बताया कि उन्‍होंने इस घटना के आरोपी को ढूंढ लिया गया है. आरोपी और कोई नहीं बल्‍कि एक घोंघा है. दरअसल, घोंघा रेलवे ट्रैक के पास लगाए गए एक बिजली उपकरण के अंदर चला गया था जिसके कारण बिजली बंद हो गई थी. वहीं कंपनी के प्रवक्‍ता के अनुसार, "बिजली आपूर्ति में आई इस बाधा के लिए जो जिम्‍मेदार है उसका पता चल गया है. पहले हमें लगा था कि उसके अंदर कोई जिंदा कीड़ा है, लेकिन वह एक मरा हुआ घोंघा निकला."
इसके बाद स्‍थानीय मीडिया के अनुसार, बिजली उपकरण में शॉर्ट सर्किट करने के बाद घोंघा भी मारा गया. अधिकारी के मुताबिक वह यह तो नहीं कह सकते कि ऐसा पहली बार हुआ है लेकिन यह घटना अनूठी जरूर है.

Comments

Popular posts from this blog

Nasa कर रहा है तैयारी...अंतरिक्ष में बनाना चाहता है बिस्किट!

नासा अंतरिक्ष यात्रियों के लिए स्पेस में फ्रेश खाना खिलाने की तैयारी कर रही है. नासा वैसे ही अपनी नई नई तकनीक से अंतरिक्ष में कुछ न कुछ नया करती रहती है. अब फ्रेश खाने के लिए उन्होंने एक स्पेशल ओवन स्पेस स्टेशन पर भेज दिया है. बताया जा रहा है कि इस ओवन में अंतरिक्ष यात्री बिस्किट बना सकेंगे. अगर ऐसा हुआ तो ये बड़ी उपलब्धि होगी नासा के लिए. बता दें, अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाने के लिए डीहाइड्रेटेड या पका हुआ भोजन ले जाते थे. लेकिन अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द स्पेस में अंतरिक्ष यात्री बिस्किट बना लेंगे. नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो ने जानकारी देते हुए कहा कि हम देखना चाहते हैं कि शून्य गुरुत्वाकर्षण में बिस्किट को बेक करने की प्रक्रिया कैसे काम करती है. स्पेस स्टेशन में पृथ्वी जैसा वातावरण तैयार करने के लिए कृत्रिम वातावरण तैयार किया जाता है. मैसिमिनो ने कहा अभी तो हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि अंतरिक्ष में बिस्किट एक बार में ही बन जाएंगे या नहीं लेकिन इनकी खुशबू बेहद रोमांचक होगी.  उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में बिस्किट बनाना केवल आनंद लेने के लिए ही नह

जो भी इस मज़ार पर सिगरेट चढ़ाता है, उसे सच्चा प्यार मिल जाता है

भारत एक ऐसा देश हैं, जहां लोगों की आंख मंदिर के घंटे और नामज़ की अजान से खुलती है. इस जगह पर लोग अच्छी अच्छी चीज़ें चढ़ाते हैं लेकिन एक जगह ऐसी है जहां पर लोग सिगरेट चढ़ाते हैं. ये जानकर आपको भी हैरानी होगी कि अब तक आपने मज़ारों पर अगरबत्ती और चादर चढ़ाते देखा होगा, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसी मज़ार है, जहां पर लोग चढ़ावे के तौर पर सिगरेट चढ़ाते हैं. आपको बता दें, ये मज़ार एक क्रिश्चियन सिपाही की है, लेकिन यहां पर हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों के लोग आते हैं और मज़ार पर सिगरेट जलाते हैं. लोग वेल्स को सिगरेट वाले बाबा कहकर बुलाते हैं. ये कब्र लखनऊ के मूसाबाग में स्थित है, जो पहले खंडहर था. बाद में यहां सब्जी मंडी बन गई. मूसाबाग में आजादी के पहले अंग्रेज़ रहा करते थे. साल 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के तहत अंग्रेज सैनिकों और भारतीय स्वतंत्रता सैनिकों के बीच में भयंकर गोलाबारी हुई. जिसमें यहां बनी अंग्रेजों की एक इमारत पूरी तरह से तहस-नहस हो गई. बताया जाता है कि इसी गोलाबारी में कैप्टन वेल्स मारे गए थे. साथ ही ये भी कहा जाता है कि जिन्हें सिगरेट और शराब से बेह

बस एक अक्षर में हुई चूक जिसकी बुजुर्ग को मिली इतनी बड़ी सजा...

गलतियां इंसान से ही होती हैं, कहते हैं ना इंसान गलतियों का पुतला है. जीवन में हर किसी से कभी ना कभी गलती होती ही हैं. लेकिन कभीकभार कुछ गलतियाँ ऐसी होती हैं जो बड़ी आफत बन जाती हैं. कई बार ये हमारे मुसीबत ही बन जाती है. ऐसी ही एक छोटी गलती हुई एक बुजुर्ग से जो कि उन्हें बहुत भारी पड़ गई, जिसके बाद उसने अभी सोचा भी नहीं होगा. बता दें, इसकी वजह से उन्हें 1400 किमी. की सजा मिली हैं. आइये आपको बता देते हैं उनकी गलती. ये घटना बर्लिन के 81 वर्षीय बुजुर्ग की है. बुजुर्ग की गलती बस एक अक्षर की थी और उनकी गलती ने उन्हें 1400 किलोमीटर दूर पहुंचा दिया. दरअसल, बुजुर्ग को पोप से मिलने जाना था, लेकिन वो कहीं और पहुंच गए. खबरिओन की मानें तो बुजुर्ग को पोप से मिलने की इच्छा हुई, जिसके बाद वो अपनी कार लेकर बर्लिन से रोम के लिए निकल गए. रोम जाने के लिए उन्होंने नेविगेशन ऐप का इस्तेमाल करते हुए डेस्टिनेशन का पता डाला और आराम से चलने लगे. लेकिन जब वो अपनी उस जगह पर पहुंचे तो हैरान. लंबे सफर के बाद जब उनके ऐप ने बताया कि वो अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच चुके हैं तो वह हैरान हो गए. क्योंकि वहां पर ना तो