Skip to main content

सिर्फ मां को छोड़कर इस नन्ही सी बच्ची की आंखों का हर कोई है दीवाना, जानिए हैरान कर देने वाला सच

अमेरिका के मिन्नेसोटा में रहने वाली महज दो साल की एक बच्ची की आंखें इतनी खूबसूरत और प्यारी हैं कि बिना उसकी तारीफ किए कोई रह ही नही सकता है. जो भी इस बच्ची कई आँखों को देखता है वह इन्हे निहारे बिना रह ही नही पाता है. लेकिन उसकी आंखें खूबसूरत होने की वजह बेहद खराब भी है. बता दें कि बच्ची को एक दुर्लभ बीमारी है, जिसकी वजह से उसकी आंखों की पुतलियां काफी बड़ी हैं.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, आंखों के ज्यादातर हिस्से में पुतलियां ही नजर आती हैं और पैदा होने के हफ्तेभर बाद ही जांच के दौरान उसे एक गंभीर बीमारी होने की खबर सामने आई थी. बताया जाता है कि इस तरह की बीमारी 2 लाख बच्चों में से किसी एक को होती है, इसकी वजह से बच्चों की आँखों कई रोशनी जाने का खतरा भी बना रहता है.
बता दें कि यह मामला मिन्नेसोटा में रहने वाले मेरोन और करीना मार्टिनेज की करीब दो साल की बेटी मेहलानी का है, जो एक रेयर सिन्ड्रोम एक्सेनफेल्ड रीगर से इस समय जूझ रही है और इसी वजह से उसकी पुतलियां सामान्य से काफी बड़ी नजर आती हैं. डॉक्टरों के मुताबिक़, इस बीमारी की वजह से बच्ची को कुछ अन्य दिक्कतें भी हो सकती हैं, जिसमें दिल की बीमारी और ग्लुकोमा भी शामिल है. वहीं इस वजह से यह बच्ची धूप में बिना सन ग्लासेस लगाए नहीं रह सकती है.

Comments

Popular posts from this blog

Nasa कर रहा है तैयारी...अंतरिक्ष में बनाना चाहता है बिस्किट!

नासा अंतरिक्ष यात्रियों के लिए स्पेस में फ्रेश खाना खिलाने की तैयारी कर रही है. नासा वैसे ही अपनी नई नई तकनीक से अंतरिक्ष में कुछ न कुछ नया करती रहती है. अब फ्रेश खाने के लिए उन्होंने एक स्पेशल ओवन स्पेस स्टेशन पर भेज दिया है. बताया जा रहा है कि इस ओवन में अंतरिक्ष यात्री बिस्किट बना सकेंगे. अगर ऐसा हुआ तो ये बड़ी उपलब्धि होगी नासा के लिए. बता दें, अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाने के लिए डीहाइड्रेटेड या पका हुआ भोजन ले जाते थे. लेकिन अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द स्पेस में अंतरिक्ष यात्री बिस्किट बना लेंगे. नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो ने जानकारी देते हुए कहा कि हम देखना चाहते हैं कि शून्य गुरुत्वाकर्षण में बिस्किट को बेक करने की प्रक्रिया कैसे काम करती है. स्पेस स्टेशन में पृथ्वी जैसा वातावरण तैयार करने के लिए कृत्रिम वातावरण तैयार किया जाता है. मैसिमिनो ने कहा अभी तो हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि अंतरिक्ष में बिस्किट एक बार में ही बन जाएंगे या नहीं लेकिन इनकी खुशबू बेहद रोमांचक होगी.  उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में बिस्किट बनाना केवल आनंद लेने के लिए ही नह

जो भी इस मज़ार पर सिगरेट चढ़ाता है, उसे सच्चा प्यार मिल जाता है

भारत एक ऐसा देश हैं, जहां लोगों की आंख मंदिर के घंटे और नामज़ की अजान से खुलती है. इस जगह पर लोग अच्छी अच्छी चीज़ें चढ़ाते हैं लेकिन एक जगह ऐसी है जहां पर लोग सिगरेट चढ़ाते हैं. ये जानकर आपको भी हैरानी होगी कि अब तक आपने मज़ारों पर अगरबत्ती और चादर चढ़ाते देखा होगा, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसी मज़ार है, जहां पर लोग चढ़ावे के तौर पर सिगरेट चढ़ाते हैं. आपको बता दें, ये मज़ार एक क्रिश्चियन सिपाही की है, लेकिन यहां पर हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों के लोग आते हैं और मज़ार पर सिगरेट जलाते हैं. लोग वेल्स को सिगरेट वाले बाबा कहकर बुलाते हैं. ये कब्र लखनऊ के मूसाबाग में स्थित है, जो पहले खंडहर था. बाद में यहां सब्जी मंडी बन गई. मूसाबाग में आजादी के पहले अंग्रेज़ रहा करते थे. साल 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के तहत अंग्रेज सैनिकों और भारतीय स्वतंत्रता सैनिकों के बीच में भयंकर गोलाबारी हुई. जिसमें यहां बनी अंग्रेजों की एक इमारत पूरी तरह से तहस-नहस हो गई. बताया जाता है कि इसी गोलाबारी में कैप्टन वेल्स मारे गए थे. साथ ही ये भी कहा जाता है कि जिन्हें सिगरेट और शराब से बेह

बस एक अक्षर में हुई चूक जिसकी बुजुर्ग को मिली इतनी बड़ी सजा...

गलतियां इंसान से ही होती हैं, कहते हैं ना इंसान गलतियों का पुतला है. जीवन में हर किसी से कभी ना कभी गलती होती ही हैं. लेकिन कभीकभार कुछ गलतियाँ ऐसी होती हैं जो बड़ी आफत बन जाती हैं. कई बार ये हमारे मुसीबत ही बन जाती है. ऐसी ही एक छोटी गलती हुई एक बुजुर्ग से जो कि उन्हें बहुत भारी पड़ गई, जिसके बाद उसने अभी सोचा भी नहीं होगा. बता दें, इसकी वजह से उन्हें 1400 किमी. की सजा मिली हैं. आइये आपको बता देते हैं उनकी गलती. ये घटना बर्लिन के 81 वर्षीय बुजुर्ग की है. बुजुर्ग की गलती बस एक अक्षर की थी और उनकी गलती ने उन्हें 1400 किलोमीटर दूर पहुंचा दिया. दरअसल, बुजुर्ग को पोप से मिलने जाना था, लेकिन वो कहीं और पहुंच गए. खबरिओन की मानें तो बुजुर्ग को पोप से मिलने की इच्छा हुई, जिसके बाद वो अपनी कार लेकर बर्लिन से रोम के लिए निकल गए. रोम जाने के लिए उन्होंने नेविगेशन ऐप का इस्तेमाल करते हुए डेस्टिनेशन का पता डाला और आराम से चलने लगे. लेकिन जब वो अपनी उस जगह पर पहुंचे तो हैरान. लंबे सफर के बाद जब उनके ऐप ने बताया कि वो अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच चुके हैं तो वह हैरान हो गए. क्योंकि वहां पर ना तो