भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जहां महिलाओं को परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। इन्हीं देशों में से एक स्विट़जरलैंड का नाम भी शामिल है। अपने अधिकारों और अपने उपर हो रही हिंसा के खिलाफ यहां करीब 15 लाख महिलाएं सड़क पर उतरी हैं। पूरे विश्व भर में महिलाएं यौन हिंसा और गैर बराबरी का शिकार हो रही हैं। स्विटजरलैंड भी दुनिया के उन्हीं देशों में आता है। ऐसे मामलों में स्विटजरलैंड का दुनिया में 9वां स्थान है।
यहां कि महिलाएं लैंगिक असमानता और अपने ऑफिस में हो रहे भेदभाव की वजह से सड़क पर उतरी हुई हैं। उनका ये विरोध ऑफिस में समान वेतन और मौकों की मांग को लेकर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, "स्विटजरलैंड में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले तकरीबन 20 फीसदी कम वेतन मिलता है।"
स्विटजरलैंड की महिलाओं ने अपने ऊपर हो रहे यौन उत्पीड़न और हिंसा के खिलाफ मार्च निकाला हुआ है। अब वे अपने उपर हो रही हिंसा को लेकर जीरो टॉलरेंस चाहती हैं। यहां करीब 12 शहर की महिलाएं अपनी मांग को लेकर सड़क पर उतरी हैं।
बता दें कि स्विटजरलैंड में 28 साल बाद महिलाओं द्वारा इतना बड़ा प्रदर्शन किया जा रहा है। यहां 28 साल पहले 1991 में गैर बराबरी के खिलाफ 5 लाख महिलाएं विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर उतरी थीं। महिलाओं के प्रदर्शन को 'पर्पल वेव' नाम दिया गया, क्योंकि इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुई महिलाओं ने पर्पल रंग को चुना था और उन्होंने इस दौरान अपनी टाई और अंत:वस्त्रों को भी फेंक दिया।
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